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गलत जीवनशैली के कारण महिलाओं को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इसमें ओवेरियन कैंसर भी शामिल है। यह कैंसर अंडाशय में होता है। अंडाशय महिला शरीर का एक महत्वपूर्ण अंग है, जहां अंडे का उत्पादन होता है। ये अंडे फैलोपियन ट्यूब से होकर गर्भाशय तक पहुंचते हैं। ये अंडे गर्भाशय में प्रवेश करने के बाद निषेचित हो जाते हैं। इसलिए, यदि इस अंग में किसी भी प्रकार का कैंसर विकसित होता है, तो उसे डिम्बग्रंथि का कैंसर कहा जाता है।
ओवेरियन कैंसर का प्रकोप कितना है?
ओवेरियन कैंसर एक ऐसा कैंसर है जो महिलाओं को प्रभावित करता है और देश में इसका प्रकोप बहुत अधिक है। यह कैंसर भारत में तीसरा सबसे आम स्त्री रोग संबंधी कैंसर है। भारत में प्रति 100,000 महिलाओं में डिम्बग्रंथि कैंसर के लगभग 4.3 मामले हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, इसका समय रहते पता लग जाने से ओवेरियन कैंसर को मात देने की संभावना बढ़ जाती है।
इस कैंसर को कैसे रोकें?
रोग से बचाव के लिए आहार में परिवर्तन आवश्यक है। इसलिए, आप अपने आहार में बदलाव करके ओवेरियन कैंसर को रोक सकते हैं। इसके लिए आपको अपने दैनिक आहार में प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थों को शामिल करना होगा। इसके अलावा फास्ट फूड के सेवन से बचना भी फायदेमंद है। आपको व्यायाम करना होगा और गतिहीन जीवनशैली से बचना होगा।
जिन महिलाओं को शराब पीने या धूम्रपान करने की आदत है, उन्हें समय-समय पर कुछ स्वास्थ्य परीक्षण करवाते रहना चाहिए। जिन महिलाओं के परिवार में कैंसर का इतिहास रहा है, उन्हें अधिक सावधान रहने की आवश्यकता है। इसी तरह, अपने वजन को नियंत्रण में रखने से ओवेरियन कैंसर का खतरा कम हो जाता है।
कैंसर के लक्षणों में लगातार अपच, पेट में दर्द, भूख न लगना और कब्ज शामिल हैं। अगर आपको अचानक ये समस्याएं होने लगी हैं तो इन्हें नजरअंदाज न करें। स्तनपान से भविष्य में मां को ओवेरियन, स्तन और गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर का खतरा कम हो जाता है।
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